Home President महामहिम द्रौपदी मुर्मु ने आज देश के 15वें राष्ट्रपति के पद पर शपथ ली।

महामहिम द्रौपदी मुर्मु ने आज देश के 15वें राष्ट्रपति के पद पर शपथ ली।

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महामहिम द्रौपदी मुर्मु ने आज देश के 15वें राष्ट्रपति के पद पर शपथ ली।

 देश के राष्ट्रपति का चुनाव संपन्न हो गया है। विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा की हार हुई है और सत्तापक्ष की उम्मीदवार द्रोपदी मुर्मू चुनाव जीत चुकी हैं। इस चुनाव में देश के सांसद और विधायकों ने मतदान किया है।  आज द्रोपदी मुर्मू को राष्ट्रपति की पद की शपथ दिलाई गई है। 

आज से वह देश की प्रथम नागरिक हैं और भारत देश की राष्ट्राध्यक्ष हैं। वह तीनों सेनाओं के अध्यक्ष हैं और भारत की संविधान प्रमुख भी हैं। राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने आज अपने संबोधन में कहा कि महिला, गरीब, वंचित, आदिवासी मेरे रूप में अपनी उपस्थिति यहां देख सकते हैं। देश का गरिमामय पद प्राप्त करने वाली वह पहली संघर्षों से निकली आदिवासी महिला हैं जिन्हें इस पद पर आसीन होने का अवसर मिला है।

 यह जीवन लोकतंत्र का सबसे बड़ा उदाहरण है कि जो समुदाय जल, जंगल और जमीन की लड़ाई करता हुआ अपने जीवन को आगे बढ़ा रहा था उसका प्रतिनिधित्व अब राष्ट्रपति के रूप में हो रहा है। उस समुदाय के लिए यह खुशी का पल है क्योंकि अब नीतियों को बनाने वालों के पास उनके जीवन की कठिनाइयों की बेहतर समझ होगी। आदिवासी समुदाय में शुभ अवसर पर पहने जाने वाली संथाल साड़ी और हवाई चप्पल में पहन पहनकर द्रोपदी मुर्मू रायसिना हिल पहुंचती है।

द्रौपदी मुर्मु ने आज देश के 15वें राष्ट्रपति के पद पर शपथ ली हैं। वे देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति बनीं हैं। उन्होंने संसद भवन के केन्द्रीय कक्ष में शपथ ग्रहण लिया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को भारत के प्रधान न्यायाधीश, न्यायमूर्ति एन.वी.रमना ने शपथ दिलायी।

शपथ ग्रहण के बाद द्रौपदी मुर्मु ने संसद भवन में उपस्थित सभी गणमान्य सदस्यों और देशवासियों को संबोधित किया। शपथ ग्रहण समारोह में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम.वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, प्रधान न्यायाधीश एन.वी.रमना, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, केन्द्रीय मंत्रिमंडल के सदस्य, विभिन्न राज्यों के राज्यपाल और मुख्यमंत्री, राजनयिक मिशन के प्रमुखगण, संसद सदस्य तथा प्रमुख सैन्य और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। 

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने अपने संबोधन में कहा कि वह देश की ऐसी पहली राष्ट्रपति हैं, जिनका जन्म स्वतंत्र भारत में हुआ है। उन्होंने कहा कि देश ने उन्हे राष्ट्रपति के तौर पर तब चुना है जब हम अपनी आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। तीनों सेनाओं की प्रमुख के रुप में राष्ट्रपति ने कल 26 जुलाई को मनाए जाने वाले कारगिल विजय दिवस को भी याद किया। उन्होंने कहा कि कारगिल विजय दिवस भारतीय सेनाओं के लिए शौर्य और संयम दोनों का ही प्रतीक है। उन्होंने देश की सेनाओं  और समस्त नागरिकों को कारगिल विजय दिवस की अग्रिम शुभकामनाएं दी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने अपने संबोधन में बताया कि उनका जीवन उड़ीसा के एक छोटे से अदिवासी गांव से शुरु हुआ है और वह कॉलेज जाने वाली अपने गांव की पहली बेटी थी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि यह भारत के लोकतंत्र की महानता है कि वार्ड काउंसलर से लेकर देश के राष्ट्रपति बनने तक का अवसर उन्हे मिला है।

शपथ ग्रहण समारोह के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु परम्परागत रूप से राष्ट्रपति भवन पहुंची जहां राष्ट्रपति पद से जुड़ी विभिन्न औपचारिकताएं पूरी की गयीं। इसके बाद सेना के तीनों अंगों की ओर से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।

   जूली सिंह (लखनऊ)

अदभुत बस्ती । जर्नलिस्ट 

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