#हिन्दीदिवस
#14सितम्बर
हिन्दी एक भाषा ही नहीं अपितु हमारी जीवनशैली है, हमारी पहचान है।
हम केवल एक दिन के लिए हिन्दी का सम्मान नहीं करते बल्कि हमारे लिए हिन्दी का सम्मान जीवनपर्यन्त है।
अंग्रेजी एक काम की भाषा है। आधुनिकता के दौर में अंग्रेजी एक विषय है जिसका अध्ययन आवश्यक है परन्तु हिन्दी एक आत्मिक संचार की प्रत्यक्ष अभिव्यक्ति है जिसका आत्मसातीकरण किया जाना चाहिए।
विगत कुछ वर्षों से सोशल मीडिया पर हिन्दी ने अपना लोहा विश्वभर मे मनवाया है। हिन्दी को लोकप्रियता मे उत्तरोत्तर वृद्धि हो रही है। संस्कृत से प्रस्फुटित हुई यह भाषा एक समृद्ध भाषा है। स्पष्ट व्याकरण के साथ यह सरलतम भी है और जटिलतम भी है। शब्द भण्डार अद्भुत है।
आज भी दक्षिण भारत के अनेक हिन्दुओं को पता नहीं क्यों हिन्दी से इतनी वैमनस्यता है जबकि हिन्दी ही वह माध्यम है जिससे सम्पूर्ण भारत के सनातनी एकजुट हो सकते हैं क्योंकि उत्तर भारत मे सभी हिन्दुओं को हिन्दी का ज्ञान है।
हिन्दी बोलने, लिखने मे कोई शर्म न करें। यह हमारी पहचान है और हमें अपनी पहचान को और विकसित करना है, समृद्ध करना है।